मुंबई, 6 अक्टूबर। वाजिद खान, जो बॉलीवुड के प्रसिद्ध संगीतकार और गायक थे, ने अपने करियर में कई यादगार गाने दिए हैं। उनकी सफलता की कहानी में संघर्ष और हिम्मत की झलक मिलती है। वाजिद का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था, और उनके शुरुआती दिनों में एक घटना ने उन्हें और उनके भाई साजिद को अपने सपनों की ओर मजबूती से बढ़ने का हौसला दिया।
वाजिद का जन्म 7 अक्टूबर 1977 को एक संगीत परिवार में हुआ। उनके पिता, शराफत अली खान, एक प्रसिद्ध तबला वादक थे, और उनके मामा, उस्ताद फैज अहमद खान, एक जाने-माने शास्त्रीय गायक थे। वाजिद ने बचपन से ही संगीत की गहराई को समझा और गिटार बजाने में रुचि दिखाई। उनकी शख्सियत में एक खास बात यह थी कि वे कम बोलते थे, लेकिन संगीत के प्रति उनकी भावनाएं हमेशा स्पष्ट होती थीं।
उनका बॉलीवुड करियर 1998 में सलमान खान की फिल्म 'प्यार किया तो डरना क्या' से शुरू हुआ, जिसमें उनका गाना 'तेरी जवानी बड़ी मस्त मस्त है' हिट हुआ। लेकिन इस सफलता के पीछे एक दर्द भरा पल भी था। जब वे एक बड़े म्यूजिक कंपोजर के अधीन गिटार बजा रहे थे, तब एक गलत नोट बजने पर उन्हें गलती का ठीकरा सहना पड़ा। इस घटना ने उन्हें गहरे तक प्रभावित किया।
उनके पिता उस समय वहां मौजूद थे और उनकी आंखों में आंसू थे। यह अनुभव वाजिद और साजिद के लिए एक बड़ा सबक बन गया। उस दिन दोनों भाइयों ने ठान लिया कि वे खुद का संगीत बनाएंगे और अपनी पहचान बनाएंगे।
इसके बाद साजिद-वाजिद की जोड़ी ने बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई। उन्होंने कई फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया, और उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। सलमान खान की कई फिल्मों में उन्होंने संगीत दिया, जैसे 'गर्व', 'तुमको ना भूल पाएंगे', 'पार्टनर', और 'दबंग' फ्रेंचाइजी। वाजिद ने सलमान के लिए कई गाने भी गाए, जैसे 'मेरा ही जलवा' और 'हमका पीनी है'।
साजिद-वाजिद की मेहनत का फल भी मिला, जब उन्हें 2011 में फिल्म 'दबंग' के म्यूजिक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके गाने हर जगह हिट होते थे, और उनमें मस्ती, रोमांस और ऊर्जा का अनोखा मिश्रण होता था।
हालांकि, वाजिद खान का जीवन चुनौतियों से भरा था। वे लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी संगीत बनाना नहीं छोड़ा। 1 जून 2020 को उनका निधन हो गया, और उनके जाने से पूरा बॉलीवुड और उनके फैंस गहरे सदमे में चले गए। उनके भाई साजिद ने कई बार कहा कि वाजिद के बिना काम करना कितना कठिन है। वाजिद का संगीत और उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।
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